गंगा एक्सप्रेस-वे को मिला एनवायरमेंट क्लीयरेंस, छह माह में मार्ग चुनने का लक्ष्य तय
गंगा एक्सप्रेस-वे को मिला एनवायरमेंट क्लीयरेंस, छह माह में मार्ग चुनने का लक्ष्य तय
गंगा एक्सप्रेस-वे से संबंधित बड़ी जानकारी सामने आई है. यूपी सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे को एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिल गया है.मंत्री नन्दी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी और प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश हर गुजरते दिन के साथ तरक्की के नए आयाम छू रहा है'.
निर्माण कार्य में आएगी तेजी
मंत्री नन्दी ने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे को "एनवायरमेंट क्लीयरेंस" मिलना, विकास परियोजनाओं को निश्चित समयावधि में पूर्ण करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उत्तर प्रदेश के उत्तम से सर्वोत्तम प्रदेश बनने की यात्रा में यह अवसर बेहद विशिष्ट है. "एनवायरमेंट क्लीयरेंस" मिलने के बाद अब निर्माण कार्य और अधिक तेजी के साथ आगे बढ़ेगा. इस उपलब्धि पर मैं अपने विभाग के सभी कर्मठ, परिश्रमी और लगनशील अधिकारियों की सराहना करता हूं.
सीएम योगी का है महत्वाकांक्षी योजना
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना है. गंगा एक्सप्रेसवे का पहला चरण मेरठ जिले के बिजौली गांव से प्रयागराज जिले के जुदापुर दांडू गांव से जोड़ेगा. उम्मीद है कि यह परियोजना वर्ष 2024 तक पूरी हो जाएगी. गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के कई जिलों से होकर गुजरेगा. जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल है. गंगा एक्सप्रेस-वे पर स्थानीय लोगों के लिए अलग से सर्विस लेन बनाया जाएगा.
मेरठ से प्रयागराज तक का यह वह रास्ता है, जहां गंगा बेसिन से होकर यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा. कृषि अर्थव्यवस्था की समृद्ध विरासत वाले इस क्षेत्र के मैदानी इलाकों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भी लाभ मिलेगा. एक्सप्रेस-वे परियोजना क्षेत्र के औद्योगीकरण के विस्तार के लिए रीढ़ प्रदान करेगी. इन जिलों में औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन के क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा.